दूध डेयरी बिज़नस कैसे शुरू करें | Milk Dairy Business Plan in Hindi

दूध डेयरी के बिज़नस को भारत का एक बहुत बड़ा बिज़नस माना जाता है क्योंकि हमारे देश की कृषि अर्थव्यवस्था में कुल 28 फीसदी से ज्यादा योगदान दुग्ध डेयरी बिज़नस का है. मतलब करीब 8 लाख करोड़ रूपयें का कारोबार है. हम देखते है कि लगातार दूध से बने नये प्रोडक्टस मार्केट में आ रहे है, और लोग उसे बड़ी मात्रा में खरिद भी रहे हैं.

पाल डेयरी उद्योग एक ऐसा व्यापार है जो आने वाले अनेकों वर्षों तक चलता रहेगा. दूध डेयरी का बिज़नस अनेक तरह से किया जा सकता है मतलब इस बिज़नस को छोटे से बड़े स्तर पर किया जा सकता है. इस बिज़नस में कई लाभ हैं लेकिन इस बिज़नस में कई चुनौतियों का सामना भी करना होगा.

इस लेख में हम अनेक सवालों के जवाब प्राप्त करेंगे, जैसे दूध डेयरी का बिज़नस क्या है, दूध का व्यापार कैसे शुरू करें, डेयरी उद्योग की समस्याएं क्या है, दूध डेयरी व्यापार में निवेश कितना होगा, गांय या भैंसो को कैसे खरिदे इत्यादि.

चलिए अब हम डेयरी उद्योग कैसे शुरू करें, की पूरी प्रक्रिया को समझने की कोशिश करते हैं.

दूध डेयरी बिज़नस कैसे शुरू करें Milk Dairy Business Plan in Hindi

दूध डेयरी बिज़नस क्या है (Milk Dairy Business In Hindi)

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जैसा की मैने आपको कि दूध डेयरी उद्योग का योगदान भारत की कृषि क्षैत्र में कुल 28 फीसदी से भी ज्यादा है, जितना अनाज और दाल के कारोबार को मिलाकर होता है.दूध उद्योग में प्राइवेट और कॉपरेटिव दोनों ही काम करते हैं. अगर आप एक अच्छा और बड़ा बिज़नस करना चाहते है तो दूध डेयरी का बिज़नस अच्छा विकल्प है.

देखा जाए तो दूध उद्योग में कई तरह के बिज़नस होते हैं. जैसे डेयरी प्रोडक्ट का बिज़नस या फिर गांय-भैंस को पालकर दूध सप्लाई का बिज़नेस. अगर आप गाय नही पाल सकते है या पालन-पोषण के लिए उपयुक्त जगह नही है तो दूध कलेक्शन सेंटर खोल सकते है और दूध कंपनीयों को बेच सकते है.

हम अन्य बड़ी दूध की कंपनीयों जैसे अमूल से फ्रेंचाईजी लेकर भी व्यापार कर सकते है. इसके लिए 2 से 6 लाख रूपये का निवेश करना होगा, और उसके बाद फ्रेंचाइजी लेकर अनेक प्रोडक्ट के साथ दूध का बिज़नस शुरू कर सकते है. गर्मीयों के मौसम में हम अमूल आइसक्रीम स्कूपिंग पार्लर की फ्रेंचाइजी ले सकते है.

दूध डेयरी का बिज़नस की डिमांड

इस बिज़नस की डिमांड के बारे में हम सब जानते है कि कितनी ज्यादा है. आज दूध उद्योग भारत की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान दे रहा है. आज मार्केट में देखे तो दूध के अनेकों प्रोडक्टस देखने को मिल जाएंगे, जैसे- आइस्क्रीम, मक्खन, छाछ, दही, पनीर, घी, मिठाई इत्यादि.

दूध का बिज़नस हर समय चलने वाला बिज़नस है, जिसका ताजा उदाहरण हमने हाल ही में देखा है. कोरोना महामारी के संक्रमण के दौरान सभी बिज़नस बंद हो गये थे लेकिन दूध का व्यापार चलता रहा. क्योंकि दूध की जरूरत जन्म लेने वाले बच्चे से लेकर बुजुर्ग लोगों को होती है.

अनेको विशेषज्ञयों की रिपोर्ट के आधार पर भी यह पता चला कि Dairy Products Business in Hindi लगातार विकसित हो रहा है. लोग दूध के बने प्रोडक्टस का इस्तेमाल अधिक से अधिक कर रहे हैं.

दूध हमारे शरीर के लिए एक पोष्टिक आहार है जो बच्चपन से हमें पिलाया जाता है. और इसके अलावा अनेक खाद्य सामग्री में भी इसका उपयोग होता हैं. बेशक दूध बिज़नस की डिमांड बेहद ज्यादा है.

डेयरी उद्योग कैसे शुरू करें

दूध सेक्टर में अनेक तरह के बिज़नस किये जा सकते है, जैसे दूध सप्लाई करना, दूध कलेक्शन सेंटर, डेरी प्रोडक्टस बनाना, फ्रेंचाइजी इत्यादि. यह व्यापार भारत का बहुत बड़ा व्यापार है जो छोटे, बड़े व मध्यम स्तर पर किये जा सकते है.

सरकारी और प्राइवेट दूध का व्यापार कैसे शुरू करें, की सामान्य प्रक्रिया को देखे तो यह प्रक्रिया कुछ निम्न प्रकार की होगी.

  1. गांव से दूध का कलेक्शन करना और बेचना,
  2. फैक्ट्री में दूध लाना और स्टोर करना,
  3. दूध के प्रोडक्ट्स बनाना या दूध पैक करना,
  4. दुग्ध प्रोडक्ट्स को फ्रेंचाइजियों तक पहुंचाना,
  5. दुग्ध फ्रेंचाइजियों से ग्राहकों तक पहुंचाना,
  6. अंत में उपभोक्ताओं तक दूध को पहुंचाना.

इस प्रक्रिया में हम अपनी स्वयं की प्राइवेट दूध कंपनी खोल सकते है, अन्यथा अन्य कंपनी के लिए क्लेक्शन या सरकारी फ्रेंचाइजी का काम कर सकते हैं. हम इस लेख में कंपनी खोलने से संबंधित पूरी प्रक्रिया को आपके साथ सांझा करेंगे. और आपको बताएंगे कि Doodh Ka Business Kaise Kare?

दूध का व्यापार के लिए प्रमुख स्तर

दुग्ध उत्पादन का व्यवसाय अनेक स्तरों के पर बांटा जा सकता हैं. लेकिन मुख्य रूप से इसे हमें तीन भाग में बांट सकते हैं. जैसे-

  1. लघु दुग्ध उत्पादन व्यवसाय
  2. मध्यम दुग्ध उत्पादन व्यवसाय
  3. व्यवसायिक दुग्ध उत्पादन व्यवसाय

#1. लघुदुग्ध उत्पादन व्यवसाय

यह व्यवसाय छोटे स्तर पर शुरू किया जाता है जिसमें निवेश भी बहुत कम ही लगता है. लघु बिज़नस से भी हम प्रतिमहिने 10 से 15 हजार रूपये कमा सकते है.

लघु बिज़नस के लिए हमें कुछ अच्छी नस्ल वाले दुग्ध उत्पादक जानवर (गाय, भैंस या बकरी) चाहिए होगी. हमें 5 या 10 जानवरों के साथ यह बिज़नस कर सकते है. प्राप्त दूध को शहरों में ग्राहकों, उपभोक्ताओं या कलेक्शन सेंटर को बेच सकते है.

इसके अलावा हमें कंपनी से आने वाले दूध को आगे उपभोक्ताओं को बेचकर भी छोटा व्यवसाय कर सकते है.

#2. मध्यम दुग्ध उत्पादन व्यवसाय

यह मध्यम स्तर का बिज़नस है जिसमे बहुत अधिक पैसों की जरूरत नही होती है. मतलब यह बिज़नस 2 से 6 लाख रूपयें में शुरू किया जा सकता है, जैसे- कंपनी की फ्रैंचाइजी लेना या दूध सप्लाई का बिज़नेस.

इस स्तर के बिज़नस से हम प्रतिमहिने 40 से 50 हजार रूपयें कमा सकते है और सालाना 6 लाख रूपयें की इनकम प्राप्त कर सकते है. व्यापार करने की दृष्टि से मध्यम स्तर का बिज़नस काफी लाभदायक है. इस स्तर पर बिज़नस में ज्यादा जौखिम नही होता है.

#3. व्यवसायिक दुग्ध उत्पादन व्यवसाय

यह बहुत बड़े स्तर पर किये जाने वाला बिज़नस है, जिसमें लाखों रूपयों की जरूरत होती हैं. हालांकि सरकार या अन्य बैंक संस्था से लोन लेकर इस तरह का बिज़नस शुरू कर सकते है. इस बिज़नस में काफी ज्यादा संख्या में जानवरों को पाला जाता है. और सैकड़ो लीटर दूध का उत्पादन किया जाता हैं.

यह व्यापार देश के अनेक बड़े राज्यों में किया जाता है और साथ ही यह बिज़नस अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी किया जा सकता है. इस स्तर पर बिज़नस शुरू करने पर लाइसेंस और जीएसटी रजिस्ट्रेशन की जरूरत होती है. हम इस बिज़नस से सालाना 20 लाख रूपयें से अधिक का टर्नओवर कर सकते है.

दूध डेयरी उद्योग के स्थान का चयन

दूध का व्यापार घर पर बड़ी जगह (200sqftसे 300sqft) पर कर सकते है, लेकिन अगर बड़े व्यापार की दृष्टि से उद्योग को शुरू करना चाहते है तो एक बड़ी जगह की आवश्यकता होगी.

यह जगह शहरी इलाको और ध्वनि व वायु प्रदुषण से दुर होनी चाहिए. क्योंकि जानवरों को इनसे समस्या हो सकती है और दुग्ध उत्पादन कम हो सकता है.

दुग्ध उत्पादन फॉर्म पर हमें कई जानवरों को एक साथ पाल सकते है. और फिर मशीनों की मदद से दुहना कर सकते है. अब इस एकत्रित दूध को आगे फैक्ट्रीयों में भेजा जाता है जहां दूध को कुछ दिनों तक सुरक्षित रखा जाता है.

अत: ऐसी जगह का चयन करना होगा जहां जानवरों को आसानी से रख सके और फैक्ट्री को भी लगा सके. फैक्ट्री की जमीन का अनुमान मशीनों के आधार पर लगा सकते है.

एक और बात है कि जगह ऐसे पर होनी चाहिए जहां दूध को लाने व ले जाने में ज्यादा दिक्कत न हो. मतलब परिवहन आसान होना चाहिए.

दूध डेरी के लिए चुने गए स्थान में निर्माण कार्य

चुने गए स्थान पर एक बिज़नस प्लान के तहत निर्माण कार्य शुरू करना होगा. कहने का मतलब है कि जानवरों के फॉर्म और फैक्ट्री को सभी सुविधा को ध्यान में रखते हुए बनाना होगा. ताकि आगे कोई दिक्कत न आए.

इसके लिए आपको किसी अनुभवी व्यक्ति से मिलना होगा जो दूध व्यवसाय के बारे में पूरी जानकारी रखता हो. अन्यथा आप स्वयं भी प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते है और अनुभव ले सकते है. इसके अलावा कुछ अन्य असफल लोगों को भी जानने की कोशिश करे कि वे क्यों असफल हुए.

दूध व्यापार में सबसे बड़ी चुनौति होती है कि दूध को फटने से बचाना है. इसके लिए निर्माण कार्य काफी सावधानी से होना चाहिए.

Milk Dairy Business Plan in Hindi

किसी बिज़नस को शुरू करने के लिए बिज़नस प्लान बेहद अहम रोल निभाता है. बिज़नस प्लान लोन या सब्सिडी लेने में भी सहयोग देता है. यह प्लान वर्तमान और भविष्य के लिए होता है जो हम पहले से ही निश्चित करते है. बिज़नस प्लान कंपनी की उंचाई के लिए जरूरी होती है.

बिज़नस की सफलता के लिए इसे बनाया जाता है जिसमें मार्केट की सभी Strategy पर ध्यान रखा जाता है. आज का समय Competition का दौर है, जिसमें बिना रणनीति के दौड़ने वाला व्यक्ति बेवकूफ होता है.

बिज़नस प्लान से Goal को निश्चित किया जा सकता है ताकि कंपनी शुरू होने के बाद एक-एक कदम से उंचाई तक पहुंच सके. एक बिज़नस प्लाइन हम निम्न प्रकार बना सकते हैं-

  1. Executive Summary
  2. Company Description
  3. Marketing Analysis
  4. Organization and Management
  5. Service or Product line
  6. Marketing and Sales
  7. Funding
  8. Examples Business Plan

डेयरी उद्योग के लिए आवश्यक चीज़े

सरकारी या प्राइवेट Milk Dairy Business दूध के प्रोडक्ट बनाने के लिए कुछ अन्य प्रोडक्ट की भी जरूरत होती है. जिनेस डेरी के प्रोडक्टस बनते है, जैसे पनीर, घी, मक्खन, आइस्क्रीम इत्यादि. वैसे तो दूध से अनेक तरह की चीजें बनाई जा सकती हैं जिसके लिए अनेक अन्य प्रोडक्टस का उपयोग दूध के साथ किया जाता है.

लेकिन कुछ सामान्य जरूरी चीजों की सूची निम्नलिखित हैं.

  • कच्चा दूध,
  • चीनी,
  • मसाले,
  • फ्लेवर,
  • क्रीम,
  • नमक इत्यादि.

Dairy बिज़नस के लिए आवश्यक मशीन

Dairy Business में अनेक तरह की चीजों की विशेष आवश्यकता पड़ती है. इसके साथ ही बिज़नस को तेज गति देने के लिए बड़ी-बड़ी मशीनों की भी जरूरत पड़ती है. वर्तमान में अनेक तरह की मशीने मौजुद हैं जिनसे बिज़नस को काफी सरल बनाया जा सकता है.

डेरी उद्योग में जानवरों को रखने के लिए टीन वाले शैड की आवश्यकता होती है. और उन्हे आहार देने के लिए कुछ आवश्यक बर्तनों की जरूरत होती है. पानी देने के लिए टंकी की भी आवश्यकता होती है.

इसके अलावा गायों से दूध निकालने के लिए मशीनों का उपयोग किया जा सकता है. और डेरी प्रोडक्टस बनाने व पैकिंग करने के लिए भी अनेक तरह की मशीनों का उपयोग किया जा सकता हैं. जैसे-

  • Bulk Cooler
  • Cream Separator
  • CIP (Cleaning in Place)
  • Milk Pasteurizer
  • Industrial Homogenizers
  • Packaging Machine
  • Paneer Making Machine
  • Ghee Kettle
  • Chocolate Grinding Machine

इस तरह अनेक तरह की मशीने है जिनका इस्तेमाल Milk Dairy Business में किया जाता हैं. पूरी लिस्ट आप निम्नलिखित लिंक से देख सकते हैं.

दूध डेरी बिज़नस की मशीनों की कीमत

Dudh Dairy Business में विभिन्न प्रकार की मशीन उपयोग किया जाता है यदि आपको इन मशीन के सही प्राइस जनाना है तो आप यहाँ से जान सकते है. – दूध डेयरी मशीन प्राइस लिस्ट

दूध डेयरी बिज़नस के उत्पाद

डेयरी संयंत्रों पर कच्चे दूध को लाया जाता है. यह गायों या भैंसो का होता है जो किसानों से प्राप्त किया जाता है. इसके बाद इस दूध को संरक्षित करने के लिए के लिए दो मुख्य प्रक्रिया अपनायी जाती है.

पहली, मानव उपभोग के लिए हिट ट्रिटमेंट देकर दूध को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है. इस प्रक्रिया को पाश्चरीकरण करते है.

दूसरा, हम निर्जलित प्रक्रिया के द्वारा दूध को विभन्न अन्य उत्पादों में बदल सकते हैं, जैसे मक्खन, हाई चीज़, पनीर, घी और दूध पाउडर इत्यादि.

दूध डेयरी उद्योग में अनेक तरह के प्रोडक्ट का निर्माण किया जाता हैं, जैसे-

उत्पादविशेषताए
क्रीम या मक्खनदूध को निर्जलित प्रक्रिया के द्वारा क्रीम और सूखे पाउडर में बदल दिया जाता है, जिसे चीनी के साथ मिश्रीत करके उत्पाद बनाये जाते है.दूध की क्रीम को मंथ कर मक्खन भी बनाया जाता है जिसें ठंडा करके हिब्बों में पैक किया जाता है और फिर बेच दिया जाता है.
स्किम्ड मिल्कजब दूध को मंथ करके क्रीम को हटाया जाता है तो बचने वाला अवशिष्ट स्किम्ड दूध कहलाता है.इसमें जामन या एसिड मिलाकर केसइन दही बनाया जाता है.स्किम्ड दूध को फेंटकर मट्ठा भी बनाते है.इस दूध में कुछ क्रीम मिलाकर कम वसा वाले दूध के रूप में बेचा जाता है.छाछ का निर्माण भी होता है.
केसइनयह ताजे दूध से बनने वाला प्रबल फॉस्फोप्रोटीन है.इसका उपयोग आइस्क्रीम, कपड़े, गोंद और प्लास्टिक में किया जाता है.इसका औषधि में उपयोग किया जाता है.
चीज़चीज़ दूध से बनने वाला दूसरे नंबर का उत्पाद है.जब पूर्ण दही को जमाकर, संसाधित कर और संग्रहित किया जाता है तब चीज़ बनता है.चीज को रोटी और बियर के साथ खाद्य पदार्थ में उपयोग करते है.बकरी व भेड़ के दूध की बनी चीज़ व्यवसायिक दृष्टि से काफी मात्रा में पायी जाती है.
दहीइसे किण्वित प्रक्रिया से बनाया जाता है.दूध को 21 डिग्री सैल्सियस पर उबालकर ठंडा किया जाता है और फिर अम्ल मिलाया जाता है. इसके बाद जमने के लिए कमरे के ताप पर छोड़ देते है.दही लैक्टोबैसिलस जीवाणुओं से निर्मित होता है.दही 9-10 घंटे में बन जाती है.
मट्ठावर्तमान में मट्ठा को भी उपयोगी उत्पाद माना जाता है.इसे सूअरों को खिलाया जाता है.व्यापरिक दृष्टि से उपयोगी उत्पाद है.
दूध डेयरी बिज़नस के उत्पाद

दूध डेयरी का बिज़नस के लिए गायों और भैंसो को ख़रीदना

अगर हम डेयरी फॉर्म को शुरू करने जा रहे है तो हमें कच्चे दूध की भी आवश्यकता होगी. और यह दूध हम ग्रमीण इलाकों मंगवा सकते है हालांकि कभी-कभी यह दूध बहुत महंगा पड़ जाता है. ऐसे में हम स्वयं गायों-भैंसो को खरिद सकते है और दूध उत्पादन कर सकते है.

अपनी दूध डेयरी के बिज़नस को सफल बनाने के लिए पहला कदम अच्छी नस्ल की भेड़ो या भैंसो को खरिदना होता है. अलग-अलग नस्ल के जानवर अलग-अलग गुणवत्ता और अलग-अलग क्षमता के आधार पर दूध का उत्पादन करते है.

अच्छी नस्ल के जानवर कम से कम 10 लीटर से भी ज्यादा दूध देने की क्षमता रखते हैं. अगर आगे भी इन जानवरो का सही से पालन-पोषण किया जाए तो यह लगातार अच्छी मात्रा में दूध का उत्पादन करेगी.

दूध डेरी के लिए गाय की प्रमुख नस्लें

वैसे तो अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरह की नस्ले पायी जाती हैं. भारत देश में कुछ प्रमुख नस्ले है जो काफी ज्यादा लीटर दूध का उत्पादन करती हैं.

गिर गाययह गुजरात की सबसे दुधारू गाय है.यह एक दिन में 50 से 80 लीटर तक दूध देती है.गाय के थन को दुहने के लिए चार लोगों की जरूरत होती है.इजराइल और ब्राजील में इन गायों को मुख्य रूप से पाला जाता है.
साहिवाल गाययह हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में मुख्य रूप से पायी जाती है.यह गाय सालाना 2000 से 3000 लीटर दूध देती है.
लाल सिंधी गाययह लाल रंग की गया है इसलिए इसे लाल सिंधी गाय कहते है.यह पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल व ओडिशा में पायी जाती है.यह सालाना 2000 से 3000 लीटर दूध देती है.
राठी गाययह राजस्थान में पायी जाती है और अब यह गुजरात में भी पायी जाती है.यह प्रतिदिन 6-8 लीटर दूध देती है, और कभी-कभी 15 लीटर भी देती है.
दूध डेरी के लिए गाय की प्रमुख नस्लें

इसके अलावा कुछ अन्य मुख्य नस्ले भी है, जैसे- जर्सी, ब्राउनफेस इत्यादि.

दूध डेरी के लिए भैंस की प्रमुख नस्लें

इसी तरह भैंसों की भी कुछ मुख्य नस्ले है, जिनका उपयोग किया जा सकता हैं.

मुर्रायह सबसे अधिक दूध का उत्पादन करती है.यह प्रतिदिन 15 से 20 दूध आसानी से देती है, कभी-कभी यह 30-35 लीटर दूध भी देती है.इन्हे शांत और एकांत जगहों पर रहना पसंद है.इसकी कीमत 1 लाख रूपयें या 3-4 लाख रूपयें हो सकती है.
भदावरीयह भैंस ईटावा, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में पायी जाती है.यह प्रति ब्यांत में औसतन 800 से 1000 लीटर दूध देती है.इसके दूध में 6-12.4% वसा होती है.
जाफराबादीयह बड़ी दुधारू भैंस है.इसे दिन में कम से कम 3-4 किलो चारा चाहिए.यह गुजरात में मुख्य रूप से पायी जाती है.यह प्रतिदिन 30 लीटर दूध दे सकती है.इसकी कीमत डेढ लाख रूपयें होती है.
मैहसानायह भी गुजरात में पायी जाती है.यह मुर्रा भैंस की तरह है जो दिखने में काफी धाकड़ होती है.यह प्रतिब्यात 1200 से 1500 किलो का उत्पादन करती है.
नागपुरीमहाराष्ट्र के अकोला, अमरावती और नागपुर जिले में पाई जाती है. प्रतिदिन 8-10 लीटर दूध देती है.
सुरतीयह गुजरात के चारोतर पथ में पायी जाती है. यह प्रतिब्यात 900 से 1300 लीटर दूध का उत्पादन करती है, जिसमें 6-8% वसा की मात्रा होती है.
दूध डेरी के लिए भैंस की प्रमुख नस्लें

जानवरों की देखभाल करना

दूध डेयरी का बिज़नस जानवरों पर ही निर्भर करता है. जानवरों देखभाल के लिए कुछ स्टाफ को नियुक्त करना होता है. और शेड को अनुकुल वातावरण के अनुसार बनाया जाता है. जानवरों का फॉर्म भी शहरों से दूर शांत जगहों पर होना चाहिए. जहां साफ-सुथरे टीन के शेड बनाने चाहिए.

इन शेड में गाय के खाने-पीने और रहने की पूरी उचित व्यवस्था होनी चाहिए. इसके अलावा गायों को टहलने की जगह दे सके तो यह ज्यादा अच्छा होगा.

जानवरों की देखभाल में मुख्य रूप से दो बातों का ध्यान रखा जाता हैं. पहला उनके खाने-पीने का पूरा ख्याल रखना होगा, और दूसरा जानवरों के बीमार होने पर तुरंत उपयुक्त इलाज करवाना होगा.

खाने में ये खिलाए

गाय/भैंस से अच्छी मात्रा में दूध प्राप्त करने के लिए उन्हे खाने के लिए भी अच्छा देना होगा. क्योंकि खाने पर ही दूध उत्पादन की क्षमता निर्भर करती है. जैसे- सुखा चारा, ताजी घास इत्यादि.

इसके अलावा खाने में हम कुछ विशेष खनिज पदार्थ भी दे सकते है.

डेरी उद्योग से संबंधित रोग

रोगविशेषताएं
लेप्टोस्पाइरोसिसयह एक संक्रामक रोग है जो जानवरों और मनुष्यों में फैलता है. लक्षण: ठंड से अचानक बुखार आना, दुर्बल शरीर का होना, पेट में दर्द, सिर दर्द.
काऊपॉक्सयह मनुष्य के लिए एक उपयोगी रोग है. इससे मनुष्य के चेचक रोग का टींका बनता है.
तपेदिक (टीबी)यह रोग गाय से प्रेषित होता है. यह रोग अनपाश्चरीकृत दूध से फैलता है.
ब्रूसल्लोसिसयह गाय, भैंस, बकरी जैसे जानवरों में फैलने वाली संक्रामक बीमारी है. यह बीमारी पशुओ से मनुष्यों और मनुष्यों से पशुओं में फैलती है. इस बीमारी से पशु 7-9 महीने के गर्भकाल में गर्भपात हो जाता है.
लिस्टिरियायह जीवाणु रोग है जो अनपाश्चरिकृत दूध और परंपरागत तरिके से बनाए गये चीज़ से फैलता है.
जॉन रोग (यो-नी)यह जीवाणु जनित संक्रामक, दीर्घकालिक और घातक रोग है. इससे मनुष्य में क्रोह्न रोग होता है.
डेरी उद्योग से संबंधित रोग

अस्थायी दूध का भंडारण करना

दूध डेयरी उद्योग में काफी ज्यादा मात्रा में दूध को एकत्रित किया जाता है. लेकिन इस दूध का इस्तेमाल एक ही दिन में नही किया जा सकता है. अत: दूध को अस्थायी रूप से भंडारित किया जाता है. दूध का भंडारण दो तरह से किया जा सकता है.

#1. पाश्चरीकरण की प्रक्रिया: इस प्रक्रिया में दूध को 72 डिग्री सैल्सियस पर कुछ समय के लिए उबाला जाता है. और फिर इसे ठंडा करके बड़े-बड़े टैंक में संग्रहीत कर लिया जाता है.

#2. निर्जलित प्रक्रिया: इस प्रक्रिया में दूध को काफी ताप पर दुबाला जाता है. और इसे अन्य प्रोडक्ट में बदल दिया जाता है. जैसे- पनीर, मक्खन, केसइन, क्रीम इत्यादि.

कुछ महत्वपूर्म प्रक्रिया

  • पॉस्चराइज,
  • होमोजेनीजेशन,
  • क्रीम निष्कर्षण,
  • पनीर बनाना,
  • मक्खन बनाना,
  • केसइन बनाना,
  • दही बनाना,

दूध का व्यापार में स्टाफ को रखना

डेयरी उद्योग कैसे शुरू करें, की प्रक्रिया में स्टाफ का चयन करना भी बेहद आवश्यक है. हालांकि स्टाफ का चयन आपको ही करना होगा लेकिन ऐसे लोगों का ही चयन करे जो कर्मठ और अनुभवी हो.

देखा जाए तो दूध डेयरी के बिज़नस में विशेष प्रशिक्षण या तकनीकी शिक्षा की आवश्यकता नही होती है. अत: आप कर्मठ और ईमानदार लोगों को नौकरी दे सकते है. कुछ ऐसे लोगों को भी नियुक्त करे जो मशीनरी जानकारी को रखते हो.

दूध के बिज़नस के लिए रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस

दूध डेयरी का बिज़नस कुशलतापूर्वक करने के लिए सभी कानूनी डॉक्यूमेंट का होना आवश्यक है. आज सभी बिज़नस के लिए रजिस्ट्रेशन व लाइसेंस जरूरी हैं, और Milk Dairy Business के लिए भी जरूरी है.

कंपनी का पंजीकरण करने के लिए कंपनी का एक स्थायी नाम सोचना होगा, जिसके आधार पर डॉक्यमेंट बनाए जाएंगे. हम कंपनी के नाम का पंजीकरण स्थानीय प्राधिकरण से दफ्तर में जाकर आसानी से करवा सकते है. इसके साथ ही जीएसटी के लिए भी पंजीकरण करवाना होगा.

दूध उद्योग खाद्य से संबंधित है तो हमें FSSAI लाइसेंस की भी जरूरत पड़ेगी. इसके अलावा ट्रैड लाइसेंस और वैट पंजीकरण की आवश्यकता होगी.

Dairy Products Business शुरू करने की लागत

दूध डेयरी का व्यापार अगर बड़े स्तर पर शुरू किया जाए तो काफी खर्च आता है. मतलब इसमें लगभग 16 से 20 लाख रूपये से अधिक खर्च आता है. 16 लाख रूपये के खर्च से 1000 वर्गफुट एरिया में यूनिट को शुरू कर सकते है. इस यूनिट में हम रोज 500 लीटर दूध के प्रोडक्ट बना सकते  है.

लेकिन आपको पूरे 16 लाख रूपयें का निवेश नही करना होगा. मतलब आपको लगभग 4 लाख रूपयें निवेश करने होंगे और बाकी पैसे PM मोदी सरकार की मुद्रा योजना के तहत लोन के रूप में मिल जाते हैं. यह पैसे टर्म कैपिटल लोन और वर्किंग कैपिटल लोन के रूप में मिलता है.

  1. मशीनों पर खर्च: 5.5 लाख रूपयें
  2. रॉ मैटेरियल पर खर्च: 4 लाख रूपयें (सालाना)
  3. कर्मचारियों का खर्च: 50 हजार रूपयें (प्रतिमहिने)

इसके अलावा ट्रांसपोर्ट, बिजली बिल, टैक्स, टैलिफोन इत्यादि का खर्च होगा. ध्यान दे कि अगर आप गाय या भैंसों को पाल रहे है तो इसका खर्च अलग से होगा.

दूध की मार्केटिंग कैसे करें

किसी भी बिज़नस को सफल बनाने के लिए मार्केटिंग करना बेहद जरूरी है. क्योंकि मार्केटिंग के द्वारा हम प्रोडक्ट को उच्च स्तर पर बेच सकते है और अधिकतम मुनाफा कमा सकते है. दूध का व्यापार कैसे शुरू करें, की प्रक्रिया में मार्केटिंग रणनितियों का होना काफी फायदेमंद होता है.

मार्केटिंग हम ऑनलाइन व ऑफलाइन तरिकों से कर सकते है. मार्केटिंग यानी विज्ञापन, जो हम अखबार, टीवी, इंटरनेट, सॉशल मीडिया इत्यादि माध्यम से कर सकते है.

इसके अलावा प्रोडक्ट की पैकेजिंग भी आकर्षक होनी चाहिए जो प्रमोशन में काफी सहायता करती है.

Dairy Products Business से मुनाफा

दुग्ध उत्पादन का व्यवसाय काफी लाभदायक व्यवसाय है और इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए विशेष ज्ञान या अनुभव की आवश्यकता नही होती है. इस व्यवसाय को कोई भी व्यक्ति आसानी से अन्य दैनिक कार्यों के साथ-साथ कर सकते है.

हम इस बिज़नस में पशुओं के गोबर को जैविक खाद के रूप में उपयोग कर सकते है. और गोबर के उपलों को आगे बेच भी सकते है जिनका उपयोग इंधन के रूप में किया जाता है.

अगर आप इस बिज़नस को शुरू करते है तो अन्य लोगों को भी रोजगार दे सकते हैं. क्योंकि इसमें ज्यादा पढ़ी-लिखे होने या प्रशिक्षित होने की आवश्यकता नही होती है.

दूध डेयरी व्यापार में दूध सप्लाई के अलावा अनेक तरह के प्रोडक्ट का निर्माण करके आगे बेच सकते है.

Dairy Products Business के लिए लोन/सब्सिडी

यह काफी अच्छी बात है कि सरकार भी दुग्ध उत्पादन जैसे व्यावसाय को सहयोग दे रही है. प्रधानमंत्री मोदी सरकार ने मुद्रा योजना चलाई है, जिसके तहत इस तरह के बिज़नस को शुरू करने वाले व्यक्ति को वित्तीय सहयोग प्रदान किया जाएगा.

उदाहरण में बताया गया कि अगर 16 लाख रूपयें के निवेश से 1000 वर्गफुट एरिया में यूनिट शुर की जाए तो यूनिट में रोज 500 लीटर का उत्पादन किया जा सकता है. हालांकि 16 लाख में से हमें सिर्फ 4 लाख रूपयें खर्च करने होंगे. बाकि पैसे सरकार मुद्रा योजना के तहत देगी, जिसमें टर्म कैपिटल लोन और वर्किंग कैपिटल लोन होंगे.

इसके अलावा सरकार आपको कैटेगरी के आधार पर सब्सिडी भी प्रदान करती है. ताकि आपको थोड़ी वित्तीय राहत मिले.

अगर लोन की बात करे तो आप किसी भी बैंक या अन्य संस्था से लोन ले सकते है. यह लोन आपको किफायती ब्याज दर पर आसानी से मिल जाएगा.

हर महिने इनकम (कमाई)

एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट के आधार पर अगर रोज 500 लीटर या सालाना 1.5 लाख लीडर का उत्पादन होता है, तो उससे निर्मित प्रोडक्ट से बनने वाला टर्न ओवर 82 लाख रूपयें तक होगा. हालांकि इतने टर्नओवर के प्रोडक्ट को बनाने के लिए 74 लाख रूपयें खर्च होंगे.

इसके बाद बिना टैक्स में सालाना 8 लाख रूपयें की कमाई होगी और टैक्स कटने पर 6 लाख का लाभ होगा. हालांकि हम इस प्रोफिट को और ज्यादा बढ़ा सकते है.

अगर हम किसी कंपनी की फ्रैंचाइजी लेकर बिज़नस करते है तो हम 10-12% तक का मुनाफा कमा सकते है. यह मुनाफा हम 22% तक भी कमा सकते है अगर व्यापार बड़े पैमाने पर किया जाए.

दूध का व्यापार में ध्यान रखने योग्य बातें/सावधानी

दूध डेयरी का बिज़नस शुरू करने के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी हैं. जैसे-

  • दूध डेयरी बिज़नस पशुओं पर आधारित व्यवसाय है, अत: अच्छी नस्ल के जानवरों को खरिदना चाहिए.
  • जानवरो के दूध उत्पादन की क्षमता अच्छी होनी चाहिए.
  • पशुओं को कैसा आहार दिया जाना चाहिए, इसका ज्ञान होना चाहिए.
  • व्यापार शुरू करने से पहले बाजार का विश्लेषण करके तय करना चाहिए कि हमें व्यवसाय किस स्तर पर खोलना चाहिए?
  • पशुओं के चयन के समय अनुभवी की सलाह अवश्य ले.
  • पशुओं के रोग और उससे बचाव की जानकारी अवश्य रखे.
  • इस बिज़नस में दूध के अलावा गोबर भी प्राप्त होता है, जिससे जैविक खाद और गोबर गैस बना सकते है.
  • पशुओं के गर्भधारण से संबंधित जानकारीयां भी होनी चाहिए.
  • दूध को स्टोर करने के बारे में जानकारी होनी चाहिए, अन्यथा दूध फट सकता है.
  • दूध पैकिंग भी सही होनी चाहिए ताकि दूध लिंक न करे.

FAQ: Milk Dairy Business Ideas In Hindi

दूध डेयरी का बिज़नस शुरू करने में कितना निवेश लगता है?

यह व्यापार बड़े स्तर पर शुरू किया जाता है तो इसमें 15 से 20 लाख रूपयें तक का खर्च आएगा. और छोटे स्तर पर 4 से 8 लाख रूपये का खर्च होगा.

क्या दूध के व्यापार के लिए पंजीकरण करवाना अनिवार्य है?

अगर हमारा बिज़नस छोटे स्तर पर है तो पंजीकरण की आवश्यकता नही है. लेकिन अगर हमारा बिज़नस बड़े स्तर पर है तो हमें FSSAI, जीएसटी रजिस्ट्रैशन, वैट लाइसेंस, ट्रेड लाइसेंस की जरूरत पड़ेगी.

दूध डेयरी के बिज़नस में कितना कमीशन मिलता है?

इस व्यापार में एक दूध पाउच पर 2.5 प्रतिशत, दूध के प्रोडक्ट पर 10 प्रतिशत और आइसक्रीम पर 20 प्रतिशत का कमीशन मिलता है.

भारत की सबसे बड़ी दूध डेयरी कौनसी है?

भारत में अमूल दूध डेयरी को सबसे बड़ी कंपनी माना जा सकती है, क्यों की इसे पूरी दुनिया की टॉप 10 दूध डेयरी कंपनीयों में शामिल किया गया है. यह ब्रांड सालाना 550 करोड़ डॉलर का टर्नओवर करता है.

एक गाय की कीमत कितनी होती है?

अगर अच्छी नस्ल वाली गाय यानी गिर/साहिवाल/लाल सिंधी की बात की जाए तो एक गाय की कीमत 50,000 रूपये हो सकती है. जो एक ब्यांत में लगभग 2500-3000 लीटर दूध का उत्पादन करती है.

भैंस का दूध कितने रूपये किलो बिकता है?

वर्तमान में सभी चीजों के दाम काफी तेजी से बढ़ रहे है. और इसी तरह भैंस के दूध का दाम भी 58 रूपयें से बढ़कर 60 रूपयें प्रतिलीटर हो गया है.

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निष्कर्ष – दूध डेरी बिज़नस आइडिया इन हिंदी

अब तक हमने इस आर्टिकल में दूध का व्यापार कैसे शुरू करें, से संबंधित A to Z संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है. हमारे आर्टिकल की मदद से आप स्वयं का दूध डेयरी का बिज़नस शुरू कर सकते है. हमने यहां पर Milk Dairy Business Plan in Hindiमें अच्छी तरह से सांझा किया है.

इस लेख में संपूर्ण जानकारियां दी गयी हैं, जैसे- डेयरी उद्योग कैसे शुरू करें, दूध डेयरी का बिज़नस क्या है, डेयरी उद्योग की समस्याएं, भारत की सबसे बड़ी दूध डेयरी, दूध डेयरी लोन, दूध डेयरी मशीन इत्यादि.

नमस्कार! दोस्तों मेरा नाम Ranjeet Singh है. प्रोफेशनल ब्लॉगर के साथ में एक Youtuber भी हूँ. मुझे डिजिटल मार्केटिंग और कंटेंट राइटिंग में गहरी नॉलेज है. इस पैसा.ब्लॉग पर पैसा कमाने वाला ऐप्प, पैसा कमाने के तरीके, पैसा कमाने वाला गेम और बिज़नस आइडिया से सम्बंधित लेख साझा करता हूँ.