How to Start Goat Farming Business In Hindi: भारत में आदिकाल से मनुष्यों द्वारा सामाजिक व आर्थिक प्रायोजन के लिए पशुपालन (Animal Husbandry) किया जाता रहा है. उनमें से बकरी भी एक है. अर्थात मनुष्य द्वारा लंबे समय से सफल बकरी पालन व्यवसाय भी किया जाता है.
हालांकि बकरी काफी सामान्य पशु लगता है किंतु ऐसा नही है. पूरे भारत में सभी पशुओ में 25.6 प्रतिशत पशु बकरीयां है. जिससें आप समझ सकते है कि भारत में कितनें सारे लोग बकरी से जुङे हुए.
यदि हम बकरी के उपयोग की बात करें तो मैं आपको बता दूं कि बकरी का इस्तेमाल मांस, दूध, खाल व बाल प्राप्त करनें के लिए किया जाता है. इसके अलावा इनका इस्तेमाल पहाङी क्षैत्रो में माल ढोनें के लिए भी किया जाता है.
आज जितनें भी किसान है, उनके पास कम से कम एक बकरी अवश्य से होती है लेकिन इसका मतलब यह नही है कि खेती और बकरी पालन एक जैसा है. बल्कि ये दोनों एक दुसरे से काफी अलग है.
भले ही बकरी पालन का बिज़नस सुननें में सामान्य सा लग रहा है, लेकिन जब हम इस बिज़नस से होनें वाले मुनाफे के बारें में जानते है तो यह सबसे अच्छी कमाई वाला Business Ideas दिखाई देता है.
बकरी पालन के बिज़नस को शुरू करना काफी आसान है तथा बहुत ही कम लागत के साथ शुरू कर सकते है. इसके अलावा इससें होनें वाला आर्थिक लाभ भी अन्य व्यवसायो से अधिक होता है.
यदि आप भी कम पैसों में अधिक मुनाफा वालें बिज़नस को शुरू करना चाहते है तो बकरी पालन का बिज़नस आपके लिए काफी फायदेमंद बिज़नस आइडिया हो सकता है.
आज हम इस लेख के माध्यम से “बकरी पालन का बिज़नस कैसे शुरू करें?” के बारें में जाननें वाले है. इसके अलावा हम यह भी जानेंगे कि बकरी पालन के लिए सरकार मदद कैसे करती है तथा बकरी पालन बिज़नस शुरू करनें के लिए लोन कैसे प्राप्त कर सकते है.
बकरी पालन का बिज़नस क्या है
ऐसा व्यवसाय या बिज़नस, जहां पर व्यवसायिक दृष्टि से बकरीयों का पालन किया जाता है. जहां पर बकरियों के मांस, बाल, चमङे तथा दूध का व्यापार किया जाता है, बकरी पालन का बिज़नस कहलाता है. गाँव में रहने वाले व्यक्तियों के लिए यह एक Best Business Ideas में से एक है.
बकरी के मांस तथा बकरी के चमङे व बाल से बनी विभिन्न वस्तुओ का निर्यात सिर्फ देश में ही नही विदेशों में भी बेंचा जाता है.
Goat Farming Business Overview in Hindi
मुख्य बिंदु | विवरण |
---|---|
बिजनस आईडिया | बकरी पालन का बिज़नस |
बिज़नस की श्रेणी | लघु उद्योग |
काम | बकरियों का पालन करना |
लागत | 30 से 40 हजार |
मुनाफा | 1.5 से 2 लाख रुपयें |
बकरी पालन से सम्बंधित रोचक तथ्य
- पश्चिम बंगाल का “ब्लैक बंगाल” नस्ल के चमङे की मांग विश्व में बहुत अधिक है.
- बकरीयों की अंगोरा नस्ल से प्राप्त मोहेर व चैगू और चैंगदे नस्लो से प्राप्त पश्मीना ऊन से उच्च कोटि के व कीमती ऊनी वस्त्रो बनाये जाते है. जिनका निर्यात विदेशों में भी किया जाता है.
भारत में बकरी पालन के बिज़नस की मांग
यदि आप भारत में बकरी के बिज़नस के भविष्य के बारें में सोच रहे है तो आप इस व्यवसाय के भविष्य को लेकर निश्चिंत हो सकते है.
हम सब जानते है कि भारत की जनसंख्या का एक बहुत बङा हिस्सा मांसहारियों का है और मुझे नही लगता है कि ऐसा कोई मासांहारी होगा, जिसनें बकरे का मीट न खाया हो.
बकरें का मीट खानें को लेकर किसी धर्म में पाबंदी नही है, इस कारण लगभग सभी मांसाहारी बकरें का मीट खाते है.
चुंकि किसी भी धर्म में इसके खानें की पाबंदी नही है, इस कारण बकरे के मीट को अन्य पशुओ के मांस की तुलना में सबसे अधिक पसंद किया जाता है.
इसके अलावा ईद के समय बकरे के मीट का ही उपयोग किया जाता है. बकरें के मीट की मांग सिर्फ भारत में ही नही अपितु विदेशों में भी काफी अधिक है.
इन सब बातों को जानकर आप जान चुके होगें कि बकरी पालन के बिज़नस की बाजार में मांग कितनी है.
बोनस पॉइंट (Bonus Points)
- एक आंकङे के अनुसार भारत में उत्पादित कुल मांस का एक तिहाई भाग बकरी के मास से प्राप्त होता है.
- भारत में उत्पन्न कुल दुध का 3 प्रतिशत दूध बकरीयों से प्राप्त होता है.
- भारत में जमुनापरी, बारबरी, बीटल नस्लो की बकरीयां अधिक दुग्ध उत्पादन के लिए जानी जाती है.
- वैसे तो भारत के सभी राज्यों में Goat Farming किया जाता है लेकिन मुख्य रुप से बकरी का पालन पश्चिम बंगाल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र तथा बिहार में किया जाता है.
बकरी पालन का बिज़नस शुरू करनें के फायदें
- बकरी पालन करनें के लिए कम पैसे व स्थान की आवश्यकता होती है. यह बिज़नस निश्चित आय पर निर्भर है तथा इसमें नुकसान होनें की कम संभावना होती है.
- बकरीयों का पालन करना आसान होता है, चुंकि ये छोटी तथा शांत स्वभाव की होती है.
- थोङी सी सावधानी रखनें पर बकरीयों में बीमारी होनें की संभावना कम हो जाती है.
- बकरी को गरीब की गाय भी कहा जाता है क्योंकि बकरी गरीब, निर्बल या भूमिहीन व्यक्ति की आजीविका का साधन होती है.
- बकरीयों का पालन करनें में कम पैसों की आवश्यकता होती है. आप एक गाय या भैस का पालन करनें के लिए आवश्यक पैसों से चार से पांच बकरीयों का पालन कर सकते है.
- चुंकि भारत में अधिकतर लोग खानें के लिए बकरे के मांस का इस्तेमाल करते है तथा बकरें की मीट की मांग विदेशों में भी रहती है.
- भारत में बकरी के मांस के अलावा उसके दूध की मांग भी बहुत अधिक होती है.
- बकरे के चमङें का इस्तेमाल चमङा उद्योग में कच्चे माल के रुप में किया जाता है. जिससें जूते, दस्तानें, जैकेट, फैन्सी बैग आदि बनाए जाते है.
- बकरें के चमङे से निर्मित वस्तुओ का निर्यात विदेशों में भी किया जाता है. जिससें भारत को आर्थिक लाभ भी होता है.
- बकरीयों के बालों का इस्तेमाल भी रेशे बनानें में किया जाता है. बकरियों के रेशो का इस्तेमाल करके रस्सी, कम्बल आदि बनाए जाते है.
- चुंकि बकरी का आकार छोटा होता है, जिसके कारण इनकी पशुशाला को बनानें में कम जगह तथा कम पैसो की आवश्यकता होती है.
- बकरियों में अन्य पशुओ की तुलना मे अधिक रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है, इसलिए ये आसानी से बीमार नही होते है तथा इनकी मृत्यु दर भी कम होती है.
- बकरीयों के आहार का प्रबंधन करनें में अधिक समस्या का सामना नही करना पङता है. ये सामान्यतया घास, बेल-पत्तियां, छोटे-छोटे घास, झाङियां, सब्जियां, तथा फलों के छिलके आदि खाते है. इसलिए इनके खानें के लिए अधिक पैसों की आवश्यकता नही होती है.
- लेकिन बकरी उद्योग में कमाई सुनिश्चित करनें के लिए बकरी पालन में वैज्ञानिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
- बकरी पालन से उत्पादित मल-मूत्र को खाद के रुप में उपयोग किया जाता है. जिसमें नाइट्रोजन, पोटाश तथा फास्फोरस उपस्थित होता है. जिससें जमीन की उर्वरता में वृद्धि होती है.
बकरी का बिज़नस कैसे शुरू करें (Goat Farming Business in Hindi)
बकरी पालन का बिज़नस शुरू करना बेहद ही आसान है और जब किसान की बात आती है तो उनके लिए बकरी बेहद आसान होता है, क्योंकि वें लंबे से पशुओ का पालन करते आ रहे है.
किसानों को पशु पालन से संबधित लगभग सभी महत्वपूर्ण जानकारीयां होती है लेकिन मेरे अनुसार ऐसी कुछ बिंदु है, जिनकें बारें में आपकों जानना चाहिए. जैसे- बकरी पालन के लिए कौनसी नस्ल का चुनाव करें, ये नस्ले कहां से मिलेगी तथा बकरी पालन करनें के लिए लोन ले सकते है क्या आदि.
इसलिए आज हम बकरी पालन से संबधित सभी महत्वपूर्ण बातों के बारें में जानेंगे. जिन्हे अपनाकर आप अपना Goat Farming Businessशुरू करके लाभ कमा सकते है.
Goat Farming शुरू करनें के लिए Business Plan
बिज़नस प्लान किसी भी बिज़नस का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है, जिसमें किसी बिज़नस को शुरू करनें से लेकर सफल बनानें तक की योजना शामिल होती है.
बिज़नस प्लान में आनें वालें चार से पांच वर्षों के लिए योजनाएं शामिल होता है तथा बिज़नस प्लान के माध्यम से उद्यमी यह सुनिश्चित करता है कि वह आने वाले वर्षो में कितनी प्रगति कर चुका होगा.
बिज़नस प्लान में Project Report भी तैयार की जाती है, जिसमें उस व्यापार को शुरू करनें में लगनें वाले इनवेस्टमेंट तथा होनें वाले मुनाफे की जानकारी शामिल होता है. प्रोजेक्ट रिपोर्ट के माध्यम से उद्यमी को व्यापार में लगनें वालें वित्त की व्यवस्था करनें में आसानी होती है.
सबसे पहले आपको यह तय करना होगा कि आप Extensive, Intensive, Semi Intensive System तथा Tethering में से बकरी पालन की किस विधि को अपना कर Goat Farming करना चाहता है.
चुंकि Goat Farming Business शुरू करनें में लगनें वाला Investment बकरी पालन करनें की विधि से बहुत अधिक प्रभावित होता है.
बकरी पालन व्यवसाय शुरू करने के आधुनिक तरीके
किसी भी बिज़नेस को शुरू करनें के लिए पहले से एक प्रभावी बिज़नेस प्लान बनानें की आवश्यकता होती है. इसलिए हमने आपको बकरी पालन बिज़नस को शुरू करने के सही तरीको को विस्तार से बताया है.
#1 बकरी पालन का व्यापार में सही उत्पाद चयन करें
अगर आप व्यापार शुरू करते है तो सबसे पहले आपको यह तय करना होगा कि आप बकरी पालन किस उद्देश्य से कर रहे है.
मेरा मतलब है कि आप बकरी पालन का व्यवसाय शुरू करके बकरी के मांस बेंचेगे या फिर मांस तथा दूध दोनो का व्यापार करेगें. आपको ये बात बकरी पालन शुरू करनें से पहले सोचनी होगी.
#2 बकरी पालन का व्यवसाय अच्छी नस्ल की बकरी का चयन करें
भारत में ही बकरियो की कई सारी नस्ले पाई जाती है. लेकिन बकरी पालन के लिए बकरी की सभी नस्ले फायदेमंद नही होती है.
इसलिए BakriPalanBusiness शुरू करनें से पहलें अच्छी बकरी की अच्छी नस्ल का चुनाव करना बेहद जरुरी होता है. वरना आपको Goat Farming Business में नुकसान उठाना पङ सकता है.
अब हम नीचे कुछ प्रसिद्ध बकरीयो की नस्लो के बारें मे जानेंगे. जिनका पालन आप अपनी बकरी पालन के व्यवसाय में कर सकते है.
लेकिन बकरी की नस्ल चयन करते समय इस बात का ध्यान रखे कि आप बकरी पालन, मांस का उत्पादन करनें के लिए कर रहे है या फिर दूध के उत्पादन के लिए कर रहे है.
1. ओस्मानाबादी बकरी
- ओस्मानाबादी बकरी महाराष्ट्रा की बकरी की एक नस्ल है. जो महाराष्ट्र के ओस्मानाबादी जिले में पायी जाती है.
- इस नस्ल की बकरी में अधिक दुग्ध उत्पादन तथा मांस का उत्पादन होता है.
- इस नस्ल की बकरी कई सारे रंगों में पायी जाती है.
- इस नस्ल के प्रोढ़ नर का वजन 34 किलो तथा मादा का वजन 32 किलो के आस पास होता है.
- ओस्मानाबादी नस्ल की बकरी प्रतिदिन 0.5 से 1.5 लीटर दूध देती है.
- ओस्मानाबादी बकरी एक वर्ष में दो बार प्रजनन करती है.
- ये एक प्रजनन काल में एक साथ दो से तीन बच्चो को जन्म भी दे सकती है.
- तात्कालिक समय में ओस्मानाबादी नस्ल के बकरें की कीमत 260 रुपयें प्रति किलो होती है.
- वही तात्कालिक समय में ओस्मानाबादी नस्ल की बकरी की कीमत 300 रुपये प्रति किलो होती है.
2. जमुनापारी बकरी
- जमुनापारी भारत की एक नस्ल है. जो अन्य नस्लो की बकरीयो से ऊंची तथा लंबी होती है.
- इस नस्ल की बकरी उत्तर प्रदेश के इटावा जिला एवं गंगा, यमुना तथा चम्बल नदियों से घिरों क्षैत्रो में पायी जाती है.
- यह बकरी अन्य नस्लो की बकरियो की तुलना में दुग्ध उत्पादन के मामलें में अच्छी है.
- इस नस्ल की बकरी एक वर्ष मे एक बार ही प्रजनन करती है. हालांकि इस नस्ल की बकरीयों में जुङवा बच्चे होनें की संभावना बहुत कम होती है.
- इस नस्ल के नर की कीमत 300 रुपये प्रति किलो तथा मादा की कीमत 400 रुपये प्रति किलो है.
3. बीटल बकरी
- बीटल नस्ल की बकरी मुख्य रुप से पंजाब व हरियाणा में पायी जाती है.
- दूध उत्पादन के मामले में जमुनापारी के बाद यह काफी अच्छी नस्ल की बकरी है.
- इसलिए इस बकरी का इस्तेमाल दुग्ध उत्पादन के लिए किया जाता है.
- इस नस्ल की बकरी में जुङवा बच्चे होनें के संयोग अपेक्षाकृत अधिक होती है.
- बीटल नस्ल के नर बकरे का दाम 200 रुपये प्रति किलो तथा मादा बकरी का दाम 250 रुपये प्रतिकिलो होती है.
4. सिरोही बकरी
- सिरोही बकरी राजस्थानी नस्ल है.
- इसका उपयोग दूध तथा मांस दोनो के उत्पादन के लिए किया जा सकता है.
- इसमें जुङवा बच्चे पैदा होने के संयोग कम होते है.
- इस नस्ल के नर बकरे की कीमत 325 रुपये प्रति किलो तथा मादा बकरी की कीमत 400 रुपये प्रति किलो होती है.
5. अफ्रीकन बोर
- अफ्रीकन बोर नस्ल का इस्तेमाल मांस के उत्पादन के लिए किया जा सकता है.
- इस नस्ल की बकरी का भार बहुत कम समय में ही बढ़ जाता है. जिसके कारण अधिक लाभ प्राप्त होता है.
- इस नस्ल की बकरियो में जुङवा बच्चे पैदा होनें की संभावना बहुत अधिक होती है. इस कारण इसकी मांग भी बहुत अधिक होती है.
- अफ्रीकन बोर नस्ल के नर बकरे की कीमत 350 रुपये से 1,500 रुपये प्रति किलो तथा मादा बकरी की कीमत 700 रुपये से 3,500 रुपये प्रति किलो होती है.
6. ब्लैक बंगाल नस्ल की बकरी
- ब्लैक बंगाल बकरी बांग्ला देश की नस्ल है. किंतु यह भारत के पूर्वी राज्यो जैसे पश्चिम बंगाल, बिहार, उङीसा में भी पायी जाती है.
- इस नस्ल की बकरियो में मीट का उत्पादन काफी अच्छी मात्रा में होता है.
- यह काले, सफेद तथा भूरे रंग मे भी पायी जाती है.
- इस नस्ल की बकरियो को परिपक्व होने में कम समय लगता है तथा इस नस्ल के परिपक्व बकरे का वजन 25 से 30 किलो होता है तथा बकरी का वजन 20 से 25 किलो होता है.
- ये एक बार में दो से तीन बच्चो को जन्म देने में सक्षम होती है.
वैसे बकरी पालन करनें के लिए स्थान का चुनाव करना बेहद ही आसान है. आप इसे अपनें खेत मे भी शुरू कर सकते है.
लेकिन यदि आप बङे पैमानें पर बकरी पालन का बिज़नस शुरू करते है तो आपको एक बङी जमीन की व्यवस्था करनी होगी. ध्यान रखे कि यह जगह शहरी भीङ भाङ से अलग होनी चाहिए क्योंकि इन पशुओ को शांत वातावरण पसंद होता है.
इसके अलावा आपको ऐसे स्थान का चुनाव करना होगा, जहां पर पेङ पौधे पर्याप्त मात्रा हो.
#4 बकरी के आवास का निर्माण करना (शेड बनाने का तरीका)
एक बार बकरी पालन करनें के लिए स्थान चुनाव करनें के बाद बकरी के रहनें के लिए एक अच्छे शेड का निर्माण करना होगा. जिसमें बकरियो को सुरक्षित रुप से पाला जा सके लेकिन इस बात का ध्यान रखे कि शैड साफ-सुथरा होना चाहिए.
Goat Farming के लिए किस तरह के शैड का निर्माण किया जाना चाहिए यह आप पर निर्भर करता है. यदि आपका बजट कम है तो जमीन पर शैड का निर्माण कर सकते है लेकिन यदि आपके पास पैसे है तो आप जमीन के ऊपर शैड का निर्माण कर सकते है.
बकरियो के रहनें के लिए शैड का निर्माण दो तरीको से किया जा सकता है-
1. जमीन पर शेड बनाने का तरीका
- इसमें शैड का निर्माण जमीन पर किया जाता है तथा इसके निर्माण के लिए कम लागत की आवश्यकता होती है.
- जहां पर बारिश तथा सर्दी कम होती है, वहां पर बकरियो के लिए शैड का निर्माण जमीन पर किया जाता है.
- जमीन पर बकरियो के लिए शैड का निर्माण करनें पर बकरियो के बीमार होने की संभावना अधिक होती है.
- इस तरह के शैड में साफ सफाई रखना कठीन है.
2. जमीन के ऊपर शेड बनाने का तरीका
- इसमें शैड का निर्माण जमीन से कुछ ऊंचाई पर किया जाता है. हालांकि इसके निर्माण में अधिक पैसे खर्च होते है.
- जहां पर बारिश तथा सर्दी अधिक होती है, वहां पर बकरियो के लिए शैड का निर्माण जमीन से कुछ ऊंचाई पर किया जाता है.
- जमीन से कुछ ऊंचाई पर शैड का निर्माण करनें पर बकरियो के बीमार होने की संभावना भी कम हो जाती है.
- इस प्रकार के शैड में सफाई करना आसान होता है.
#5 शैड का निर्माण करते समय निम्न बातो का विशेष ध्यान रखे-
- शेड का निर्माण करते समय इस बात का ध्यान रखे कि शेड में शुद्ध हवा के आनें का रास्ता होना चाहिए.
- शेड के निर्माण के समय बकरियो के लिए शुद्ध पानी की व्यवस्था करनी चाहिए.
- शेड के निर्माण के समय बकरियो के मल मूत्र को बाहर निकालनें का रास्ता बनाना चाहिए.
- शेड की दाहिने बाई और पीछे की दीवार की लंबाई कम से कम 15 फिट रखे तथा दीवार की मोटाई 10 इंच होनी चाहिए. जिससें अंदर का तापमान पर कोई प्रभाव न पङे.
- बकरी के शेड की एल्बेस्टर की बना सकते है चुंकि ये सस्ती तथा अच्छी होती है.
- शेड के अंदर बकरी, बकरा तथा छोटे बच्चो के रहनें के लिए अलग अलग जगह होनी चाहिए.
- शेड में बकरी के खानें के बर्तन साफ सुथरे होने चाहिए.
- बकरी के रहनें के लिए शेड का निर्माण शहरी भीङ भाङ से दुर करना चाहिए तथा 20 बकरियो के लिए एक एकड जमीन पर्याप्त है.
- बकरी के शेड के आस पास बकरियो के चरनें के लिए पर्याप्त हरा चारा होना चाहिए.
#6 BakriPalan के लिए कितनी जमीन की आवश्यकता होगी
हमनें अक्सर गांवो मे देखा होगा कि लगभग सभी घरो की महिलाएं बकरियो का पालन करती है. हालांकि कुछ महिलाए इनका पालन निजी जरुरतो को तो कुछ महिलाए व्यवसायिक उद्देश्यो को पूरा करनें के लिए करती है.
यदि हम Goat Farming Business शुरू करनें के लिए आवश्यक जगह आपके बिज़नस के पैमानें पर निर्भर करता है.
यदि आप बकरी पालन का बिज़नस को छोटे पैमानें पर शुरू करते है तो इसके लिए आपको एक कमरे की आवश्यकता होती है, जिसमें आप एक साथ चार से पांच बकरियां रख सकते है. इसके अलावा बकरियो को चरानें की जगह की भी आवश्यकता होती है.
इस तरह से छोटे स्तर पर बकरी पालन शुरू करनें के लिए कम से कम आपको 40 वर्ग फुट जगह की आवश्यकता होती है.
बङे पैमानें पर व्यवसाय शुरू करनें के लिए आपको एक बङी जमीन की आवश्यकता होती है. इसके साथ बकरियो को चरानें के लिए भी जमीन की आवश्यकता होती है.
इस प्रकार से बङे स्तर पर बकरी पालन शुरू करनें के लिए कम से कम 1000 वर्ग फुट जमीन की आवश्यकता होती है.
#7 बकरियो को पौष्टिक आहार खिलाए
यदि आप बकरी पालन के बिज़नस से अच्छा लाभ कमाना चाहते है तो इसके लिए जरुरी है कि आपकी बकरियां स्वस्थ रहे. लेकिन बकरियो के स्वस्थ रहनें के लिए उन्हे पौष्टिक आहार देना बेहद जरुरी है.
चलिए अब हम बकरियो के खानें के बारें में चर्चा करते है-
- बकरियो को गुणवत्तायुक्त भूसा खिलाना चाहिए. इसके अलावा खानें में दानों का भी प्रयोग करना चाहिए.
- बकरियों को सुबह सुबह चारा चरानें के लिए खेतो में या फर्म में ले जाना चाहिए. जिससें बकरियो को खानें के लिए हरी घास मिलती है तथा शरीर मजबूत बनता है.
- बकरियो के भोजन में प्रतिदिन चारे को शामिल किया जाना चाहिए. चुंकि ये स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती है.
- बकरियो को अधिक मात्रा में अनाज न खिलाए.
- बकरियो में भोजन को पचानें के लिए पाचन पूर्ण का इस्तेमाल करें.
- बकरियो को खाना खिलानें के बाद पर्याप्त मात्रा में पानी भी पिलाएं.
- इसके अलावा आप इनका खाना घर में भी बना सकते है. इनका खाना चोकर, मक्के का दर्रा, बादाम खली, चने का छिलका, निरल मिक्चर, नमक मिलाकर बनाया जाता है.
- एक अनुमान के अनुसार 100 किलो बकरियों का खाना बनानें के लिए आपको 45 किलोग्राम चोकर, 25 किलोग्राम मक्के का दर्रा, 15 किलोग्राम बादाम खली, 12 किलोग्राम चने का छिलका, 2 किलोग्राम मिनरल मिक्सचर, तथा 1 किलोग्राम नमक मिलाया जाता है.
#8 बकरियों की नियमित साफ सफाई करें
बकरी पालन के दौरान बकरियों की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना होता है. जैसे- बकरियों के मल मूत्र को साफ नियमित साफ करना चाहिए.
इस बात का विशेष ध्यान रखे कि उनके आवास में मल मूल के निष्कासन की उचित व्यवस्था होनी चाहिए.
बकरीयो को नियमित रुप से नहलाना चाहिए, जिससें बकरियों के बिमार होनें की संभावन कम हो जाती है.
महामारी के दौरान सभी बकरियों का नियमित रुप से वैक्सीनेशन करवाना चाहिए.
#9 बकरियों का नियमित रुप से वैक्सीनेशन कराए
जिस प्रकार से रोगो से बचाव हेतु मनुष्यो का वैक्सीनेशन करवाया जाता है. ठीक उसी प्रकार से बकरियो को भी विभिन्न रोगो से बचानें हेतु वैक्सीनेशन करवाना होता है.
अब हम नीचे बकरियो में होनें वाली ऐसी बीमारियों को के बारें में जानेंगे, जिनसे बचाव हेतु टींकाकरण करवाया जाता है.
रोग का नाम | उपचार |
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पांव और मुंह के रोग (FMD) | कई बार बकरियों में मुंह और पांव से संबधित रोग उत्पन्न हो जाते है. इस रोग के निवारण हेतु बकरियों की 3 से 4 माह की आयु में वैक्सीनेशन किया जाता है. बकरियों का वैक्सीनेशन हो जानें के चार माह के बाद बूस्टर दिया जाता है. प्रति छ: माह बाद वैक्सीन को दोबारा लगाया जाता है. |
गोट प्लेग (PPR) | गोट प्लेग बकरियो के लिए जानलेवा होता है. इससें बङी संख्या में बकरिया मर जाती है. बकरियों को गोट प्लेग से बचानें के लिए वैक्सीन देना जरुरी है. गोट प्लेट से बकरियों को बचानें के लिए चार माह की उम्र में पहला टींका लगाया जाता है. उसके बाद प्रति चार वर्षो में इसका टींका वापस लगाना होता है. |
गोट पॉक्स | गोट पॉक्स भी जानलेवा बीमारी है. इससें बचनें के लिए बकरियों की तीन से पांच माह की आयु में पहला टींका लगाया जाता है. पहला टींका लगानें के बाद प्रतिवर्ष इस टींके को वापस लगाया जाता है. |
हेमोरेगिक सेप्टिसेमिया (HS) | यह इतना जानलेवा नही है, किंतु यह बकरियो के लिए हानिकारक होता है. इससें बकरियो को बचानें के लिए पहला टींका बकरी की तीन से छ: माह की आयु के बीच में लगाया जाता है. इसके बाद प्रतिवर्ष इस टींके को दोबार लगाया जाता है. |
एंथ्रेक्स | यह रोग बेहद घातक होता है चुंकि ये बकरीयों से मनुष्यों में भी फैलता है. इस रोग से बचाव हेतु बकरियो को पहला टींका 4 से 6 माह की आयु के बीच में लगाया जाता है. इसके बाद इस टींके को प्रतिवर्ष दोहराया जाता है. |
#10 बकरियों में होनें वाले सामान्य अन्य रोग
रोग का नाम | लक्षण | उपचार |
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निमोनिया | कई बार सर्दियो के मौसम में बकरियों को जुकाम हो जाता है, जो बाद में निमोनिया का रुप ले लेता है. लक्षण- नाक का बहना, खांसना, छींकना, सांस लेने में कठीनाई, नाक से तरल का आना आदि. | 3-5 मिली एंटीबायोटिक पांच दिनों तक |
आफरा | इसके लक्षण बकरी का पेट फुलना, पेट दर्द करना, जुगाली न करना, सांस लेनें में कठीनाई आदि होते है. | इसके उपचार के लिए 10 से 20 ग्राम खानें का सोडा दे. |
खुरपका/ मुंहपका | इसके लक्षण बकरी के मुंह और पंजो में छाले होना, चलनें तथा खाना खानें में समस्या होना तथा बे उच्चताप होता है. | पैर को डेटॉल से धोए और लोरेंक्स लगाएं तथा बुखार के लिए डॉक्टर से इंजेक्शन लगाएं. |
दस्त | बकरी का मल काफी पतला तथा तरल के रुप में होता है तथा बकरी कमजोर हो जाती है. | उपचार करनें के लिए 15 से 20 ग्राम नेबलोंन पाउडर दे. |
नोट: किसी बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर स्वंय ईलाज करनें के बजार डॉक्टर से ही संपर्क करें.
#11 बकरियों का बीमा करवाएं
अक्सर पशुपालक बकरियों का बीमा नही करवाते है, जिसके कारण उन्हे बाद में कभी कभी नुकसान झेलना पङता है, इसलिए समय रहते बकरियों का बीमा करवाएं.
अगल अलग नस्ल बकरियों की बीमाकृत राशि भी अलग अलग होती है. चुंकि इनकी कीमत भी अलग होती है.
इसके अलावा एक से अधिक बकरियो का बीमा करवानें पर आपको विशेष छूट भी प्राप्त होती है.
#12 बकरी पालन का बिज़नस में कितनी लागत/खर्च
यदि हम BakriPalan Business की लागत की बात करें तो इसे शुरू करनें के लिए अधिक लागत की आवश्यकता नही होती है. लेकिन आप इस Business को कम लागत में शुरू करके अच्छी कमई कर सकते है.
हालांकि Bakri Palan में लगनें वाली लागत आपके व्यवसाय के पैमानें पर निर्भर करती है. यदि आप बकरी पालन का बिज़नेस छोटे पैमानें पर करते है तो आपको 25 से 30 हजार रुपयें लागत की आवश्यकता होती है.
चुंकि बकरियां झुंड में रहना पसंद करती है, इसलिए आप कम जगह में अधिक बकरियां पाल सकते है इसलिए आप इसें अपनें घर में भी शुरू कर सकते है और इनके खानें पीनें का खर्च भी कम होता है.
लेकिन वहीं यदि आप Bakri Palan Business को बङे पैमानें पर शुरू करते है तो इसके लिए आपको अधिक संख्या में बकरियां के रहनें के लिए जमीन की व उनके खानें पीनें की व्यवस्था, बिजली, जल आदि का खर्चा मिलाकर 3 से 4 लाख रुपयें की लागत की आवश्यकता होगी.
इसके अलावा बकरियों का बीमा करानें के लिए भी कुल लागत का 5 प्रतिशत पैसा खर्च करना होता है. साथ में इनकी मेडिकल जांच में भी पैसे खर्च करनें होगें.
#13 बकरी पालन के बिज़नस में कितनें मुनाफा होता है
बकरी पालन के बिज़नस में आप एक बार लागत लगानें की आवश्यकता होती है. जिसके बाद आप पूरे साल पैसे कमाई कर सकते है.
हालांकि इस बिज़नस होनें वाला फायदा निश्चित नही होता है लेकिन एक अनुमान के अनुसार यदि आप बकरी का दूध तथा मांस बेंचकर शुरूआती समय में 1.5 से 2 लाख रुपये कमा सकते है.
लेकिन इस बात का ध्यान रखे बकरें को उनके वजन के अनुसार बेंचा जाए. उसके अनुसार 30 किलोग्राम के बकरें की कीमत 12 हजार से अधिक होती है. यदि हम इस तरह से एक वर्ष में दस से बारह बकरें बेंचते है तो आप प्रतिवर्ष का 1,44,000 रुपये आसानी से काम सकते है.
#14 Goat Farming Business का रजिस्ट्रेशन कैसे करें
यदि BakriPalan Businessको छोटे पैमानें पर शुरू करते है तो आपको रजिस्ट्रेशन करवानें की आवश्यकता नही है.
किंतु यदि आप बिज़नस को बङे पैमानें पर शुरू करते है तो आपको अपनें फर्म को एमएसएमई या उद्योग आधार की मदद से पंजीकरण करवाना होगा.
- उद्योग आधार द्वारा Registration करवानें के लिए आपको udyogaadhar.gov.inवेबसाइट पर जाना होगा.
- यहां पर अपना आधार नंबर तथा नाम दे तथा “वैलिडेट आधार” पर क्लिक करें. इससे आपका आधार वैलिडेट हो जाता है.
- अब नाम, कंपनी का नाम, कंपनी का पता, राज्य, जिला, पिन नंबर, मोबाइल नंबर, व्यावसायिक ईमेल, बैक डिटेल्स, एनआईसी कोड देना होगा.
- जानकारी देने के बाद केप्चर कोड डालकर सबमिट के विकल्प पर क्लिक करें.
- इसके बाद आपकों एमएसएमई की तरफ से सर्टिफिकेट दिया जाता है. आप इसका प्रिंट भी निकलवा सकते है.
#15 Goat Farming Business की मार्केटिंग करें
बकरी पालन के व्यापार को शुरू करनें के लिए मार्केटिंग करना बेहद जरुरी है. इसके लिए आप अपनें आस पास के सभी डेयरी फार्म तथा मांस की दुकावालो संपर्क करना होगा.
भारत में बकरी के मांस तथा दूध मांग हमेशा रहती है इसलिए आप अपनें आस पास के विभिन्न मांस की दुकानों तथा दूध डेयरी को मांस तथा दूध बेंचकर अच्छे पैसे कमा सकते है.
बकरी पालन के लिए लोन कैसे प्राप्त करें
बकरी पालन के व्यावसाय को बढ़ानें के लिए भारत सरकार द्वारा कई सारी सरकारी योजनाए चलाई जाती है. जिसमें किसान कम दरों में लोन प्राप्त कर सकता है.
बकरी पालन को बढावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री पशुपालन योजना चलायी जा रही है. इसके अलावा नाबार्ड के द्वारा भी नाबार्ड पशुपालन लोन योजना चलायी जा रही है.
इसके अलावा भी अलग अलग राज्यो द्वारा कई सारी लोन योजनाए चलायी जाती है. हरियाणा सरकार द्वारा पशुपालन करनें पर 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी दी जाती है.
लोन लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज
- उद्यमी का आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- आवास प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- जाती प्रमाण पत्र
- बैंक की खाता डायरी
- पिछले छ: महिनों का बैंक स्टेटमेंट
- प्रोजेक्ट रिपोर्ट
- भूमि का मालिकाना अधिकार प्रमाण पत्र
बकरी पालन का व्यवसाय शुरू करनें के लिए कौनसे बैंक लोन प्रदान करते है
- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
- नाबार्ड के अंतर्गत आनें वाले ग्रामीण बैंक, शहरी बैंक, सहकारी बैंक .
- कैनरा बैंक
- आई डी बी बैंक
- प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना
Bonus Points
इसके लिए सरकार द्वारा बकरी पालन लोन योजना 2022 भी शुरू की गई है, जिसमें उद्यमी को कम दर में 40 लाख रुपये का ऋण दिया जाता है.
बकरी पालन व्यवसाय में ध्यान रखनें योग्य बातें
- बकरियो के जुगाली न करनें बकरी का स्वास्थ्य ठीक न होनें पर डॉक्टर से संपर्क करें.
- बकरियो के लिए मौसम परिवर्तन का ध्यान रखें.
- बकरियों को समय समय पर आवश्यक वैक्सीन तथा दवाई देनी चाहिए.
- बकरियों की साफ सफाई का ध्यान रखे.
FAQs: Bakari Palan Kaise Kare Hindi
50 बकरियों के लिए 20 वर्ग फुट प्रति बकरी के हिसाब से 1000 वर्ग फुट जमीन आवश्यकता होगी.
बरबरी बकरी सबसे ज्यादा बच्चे पैदा करती है.
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निष्कर्ष: बकरी पालन का व्यापार कैसे करें
आज हमनें इस लेख में बकरी पालन का बिज़नस से सबंधित सभी बातों के बारें में बात की. मुझे उम्मीद है कि आपको बकरी पालन का बिज़नस पसंद आया होगा.
अगर आपको इससे संबधित कोई भी समस्या है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर बता सकते है.
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