Coaching Center Business In Hindi: आज के समय के माता-पिता अपनें बच्चो के भविष्य को लेकर काफी चिंतित रहते है. वे वर्तमान समय में बढ रहे प्रतिद्वन्द्व के बारें मे जान चुके है.
उन्हे डर है कि उनका बच्चा इतनें सारे लोगो की आगे बढ़ने की होङ में पीछे न रह जाए. इसलिए वे सभी संभव कोशिश करते है, जिससें उनका बच्चा अन्य सभी से आगे रहे है.
आज के माता-पिता बच्चे को मात्र पांच वर्ष की उम्र में उन्हे स्कूल भेज देते है. इसके अलावा बेहतर ढंग से पढ़ानें के लिए उन्हे कॉचिंग में भी भेजा जाता है.
हम दुसरो की बात क्यों कर रहे है. हम स्वंय को भी देख सकते है, हम भी तो सुबह स्कूल जाते थे और स्कूल से फ्री होने के बाद सीधे कोचिंग सेंटर में जाते थे.
भारत में पढ़ाई के महत्व को देखते हुए कॉचिंग सेंटर व ट्यूशन काफी अधिक महत्व रखते है. कई लोग अपना ट्यूशन शुरु करके अच्छी खासी कमाई कर लेते है.
क्या आप टीचर है या आपनें अपनी पढ़ाई समाप्त कर ली है लेकिन आपको पढ़ानें में रुचि है तो बच्चो को ट्यूशन पढ़ानें का बिज़नेस शुरु कर सकते है.
ट्यूशन व कोचिंग सेंटर की बढती मांग को देखते हुए, हम कह सकते है कि Coaching Center Open करना, एक Best Business Ideas में से एक हो सकता है.
आज हम इस लेख में “बच्चो को ट्यूसन पढ़ानें का बिज़नस” के बारें में जानेगें. जिसके अंतर्गत हम कोचिंग सेंटर कैसे शुरु करें, कोचिंग सेंटर के लिए आवश्यक सामान तथा रजिस्ट्रेशन आदि के बारें में जानेंग.
कोचिंग सेंटर क्या है (Coaching Center In Hindi)
कोचिंग सेंटर एक ऐसी जगह है, जहां पर बच्चे शिक्षा लेने के लिए जाते है, लेकिन यह अन्य बङे-बङे विद्यालयों से अलग होते है.
विद्यालय बङे स्तर पर होते है, उन्हे सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त होती है तथा इनकी फीस बहुत अधिक होती है. इसके अलावा ये आपकी पढाई का प्रमाण पत्र भी देते है.
ट्यूशन में विद्यालयों की तुलना में कम बच्चे होते है, उनकी फीस भी कम होती है, इन्हे शुरु करनें के लिए लाइसेंस आवश्यकता नही होती है, यहां बच्चे सिर्फ विद्यालय में पढ़ाई गई सामग्री का दोहरान करते है.
हम यह कह सकते है कि कोचिंग सेंटर एक ऐसा स्थान होता है, जहां पर बच्चे अपनी शिक्षा को मजबूत बनाते है.
स्कूल से आनें के बाद सभी बच्चे ट्यूशन में अपनी शिक्षा को मजबूत करनें के लिए जाते है. इसके अलावा बहुत सारे लोग भी सरकारी जॉब की तैयारी करनें के लिए ट्यूशन की मदद लेते है.
ट्यूशन सेंटर क्यों शुरू करें (Coaching Centre Business Plan in Hindi)
अगर आप किसी बिज़नस में सफल होना चाहते है तो इसके लिए आपके पास एक सवाल का जवाब होना आवश्यक है.
वह सवाल है कि “आप इस बिज़नस को क्यों शुरु करना चाहते है?” यदि आपके पास इस प्रश्न का जवाब है तो आप कभी भी असफल नही होंगे तथा आप भविष्य में आनें वाली सभी समस्याओ के लिए तैयार रहेंगें.
इसी प्रकार से मेरे पास भी ट्यूशन शुरू करनें के कुछ कारण है, जो निम्न प्रकार से है-
- कॉचिंग की बढ़ती मांग- अपनें बच्चे को अन्य बच्चो की होङ से आगे रखनें के लिए हर माता-पिता अपने बच्चो को स्कूल से आनें के बाद ट्यूशन के लिए भेजते है. कोचिंग सेंटर के बढ़ती मांग को देखते हुए सभी इलाकों में कम से कम एक ट्यूशन है. ऐसे में यदि हम ट्यूशन शुरू करते है तो हम काफी अच्छा लाभ कमा सकते है.
- अच्छी कमाई- यदि आप इस बिज़नस को शुरू करके काफी अच्छी कमाई कर सकते है. यदि आप प्रति माह के 500 रु. भी लेते है तो आप प्रतिमाह का 50,000 हजार रुपये आसानी से कमा सकते है.
- सम्मान- बच्चो की ट्यूशन शुरू करनें में जितनी अच्छी कमाई होती है, उससे कई गुना ज्यादा पढ़ानें वाले अध्यापक को लोगो द्वारा सम्मान मिलता है.
घर से ट्यूशन कैसे शुरु करें (Home Tuition Business Plan)
अगर आप स्वंय का ट्यूशन सेंटर शुरु करना चाहते है तो इसके लिए आपको एक प्लान बनाना होगा. इसमें आप सबसें पहले यह तय कर ले कि आप कोचिंग में स्वंय पढ़ाएंगे या पढ़ानें के लिए अन्य अध्यापकों रखेगें.
यदि आप स्वंय पढ़ानें में समर्थ है तो आप बच्चो को जरुर पढ़ाए,इससे आपकी लागत भी कम होगी. लेकिन यदि आप पढानें में असमर्थ है तो आप कुछ अन्य अध्यापको को रख सकते है तथा आप Tuition को सिर्फ मैनेज कर सकते है.
अब आप यह तय करें कि आपको ट्यूशन शुरू करनें के लिए लिए कौन-कौनसे कार्य करनें होंगे. हमनें कुछ स्टेप्स बताएं है, आप इन्हे फोलो करकें अपना ट्यूशन शुरू कर सकते है.
अपनें क्षैत्र में शिक्षा के मांग के बारें में जानें
दरअसल शिक्षा सिर्फ एक प्रकार की नही होती है, बल्कि शिक्षा कई प्रकार की होती है. इसलिए जब आप कोचिंग सेंटर शुरू करे तो उससें पहले शिक्षा व्यवस्था को अच्छे तरीके से समझ ले.
मेरा मतलब है कि आप जिस क्षैत्र में अपनी ट्यूशन सेंटर शुरू करना चाहते है, वहां किस प्रकार के ट्यूशन की आवश्यकता है? वहां पर बच्चे किस प्रकार के विद्यालयों में जाते है.
क्योंकि वर्तमान समय में विद्यालय भी कई प्रकार के होते है जो अलग अलग प्रकार की शिक्षा जैसे ICSE, CBSE, State Board प्रदान करते है.
इसलिए आप अपनें आस-पास के क्षैत्र के बारें में पता लगाए कि वहां किस प्रकार के बच्चे अधिक है. उसके अनुसार अपनी कॉचिंग का बोर्ड चुनें.
यदि आप अपनें कोचिंग सेंटर के लिए बोर्ड का चुनाव कर चुके है तो अब आपका अगला कदम अपनी कोचिंग सेंटर के लिए विषय का चुनाव करना होना चाहिए.
अर्थात आपकी किस विषय में अच्छी पकङ है, उस विषय को चुनें. जैसे यदि आपको साइंस पढ़ाना काफी अच्छा लगता है तथा उसमें आपकी पकङ अच्छी है और आपके क्षैत्र में साइंस की कोचिंग सेंटर की कमी है तो आप अपनें कोचिंग सेंटर में साइस विषय को पढ़ा सकते है.
मान लीजिए कि अगर आपकी एक से अधिक विषयों में अच्छी पकङ है. जैसे आप साइंस के साथ गणित भी अच्छा पढ़ा लेते है तो आप अपनें कोचिंग सेंटर साइस तथा गणित दोनो विषय पढ़ा सकते है.
लेकिन आप सिर्फ एक विषय को ही अच्छे तरीके से पढ़ाए. इससें लोग आपको उस विषय में परफेक्ट माननें लगेंगे. आप कोई भी विषय पढ़ाए, लेकिन पूरे विश्वास के साथ पढाएं.
अपनें ट्यूशन के लिए विषयों का चुनाव करते समय इस बात का ध्यान रखें कि अधिकतर बच्चे आठंवी के बाद ही ट्यूशन करते है.
यदि आप स्वंय का ट्यूशन शुरू करते है तो उसमें कम से कम एक विषय स्वंय ही पढाएं. इसके अलावा यदि आप चाहे तो दुसरे विषयो के लिए अन्य अध्यापको को रख सकते है.
कोचिंग सेंटर शुरू करनें के लिए सही जगह को चुनें
अपना कोचिंग सेंटर शुरू के लिए ऐसी जगह को चुनना चाहिए, जहां पर Coaching Centreआसानी से लोगो व विद्यार्थियों की नजर में आ जाएं.
ट्यूशन शुरू करनें के लिए ऐसे स्थान को चुनाव करना होगा, जहां पर विद्यार्थी आसानी से पहुंच सके. उन्हे वहां तक पहुंचनें में किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पङे.
आज के समय में कोचिंग सेंटर की कोई कमी नही है. आपको एक शहर में ही कई सारे कोचिंग सेंटर मिल जाएंगे.
लेकिन कुछ विद्यार्थी ही सही ढंग से पढ़ाई कर पाते है, जिसका कारण अध्यापको को सही तरीके से पढाना न आना या फिर कोचिंग सेंटर तक आसानी से पहुंच न पाना है.
यदि आप TuitionCenter को अपनें घर से शुरु करना चाहते है तो आप घर में किसी कमरें में ट्यूशन शुरू कर सकते है, किंतु इस बात का ध्यान रहे कि वहां किसी प्रकार की आवाज न हो.
कोशिश करें कि आपके कोचिंग सेंटर की जगह किसी शांत जगह हो.
ट्यूशन शुरू करनें के लिए जरुरी सामानों की व्यवस्था करें
ट्यूशन पढाने का बिज़नस शुरू करने के लिए निम्न व्यवस्था जरुर करें.
- यदि आप अपना Tuition CentreStart करते है तो इसके लिए आपको एक बङें हॉल या कमरे की आवश्यकता होगी.
- आपका कमरा इतना बङा होना चाहिए, जिसमें सभी विद्यार्थी आराम से बैठ सके तथा पढाई कर सके.
- बङे हॉल की व्यवस्था करने तक आपका सिर्फ 25 प्रतिशत काम ही पूरा होता है. ट्यूशन शुरू करनें के लिए आपको एक बङे हॉल के अलावा कुछ और सामानों की भी आवश्यकता होती है.
- आप जिस कमरें में कोचिंग शुरू कर रहे है, वहां पर आपके विषय से संबधित अच्छी किताबें अवश्य रुप से होनी चाहिए. इससें आपको पढानें में आसानी होती है.
- आप जहां पर कोचिंग शुरू कर रहे है, वहां पर सामान्य रुप से ब्लैकबोर्ड, मार्कर, चोक, पंखा या कूलर या एसी, कूर्सियां, बैंच, डस्टर, पीने का पानी तथा वॉश रुम इत्यादि होने चाहिए.
- इन सबके अलावा आपके कोचिंग सेंटर में एक कम्प्यूटर सिस्टम तथा इंटरनेट की व्यवस्था होनी चाहिए. जिससें आप विद्यार्थी के सभी प्रश्नों के जवाब दे पाएंगे तथा फीस जैसी जानकारी भी सुरक्षित रख पाएंगे.
- कोचिंग में गर्मियों के दौरान पंखे या कूलर का इस्तेमाल अवश्य करें क्योंकि गर्मी के मौसम में पढाई करना मुश्किल होता है. गर्मियो के दिनों में विद्यार्थी लंबे समय तक ध्यान केंद्रित नही कर पाता है.
- आप अपनें विद्यार्थियों को लाइब्रेरी की सुविधा भी दे सकते है. यदि ये सुविधाएं आपके ट्यूशन में है तो विद्यार्थी आपके ट्यूशन सेंटरे की तरफ आकर्षित होनें लगेगें.
अपनी ट्यूशन के लिए योग्य अध्यापको का चयन करें.
यदि आप अपनें कोचिंग सेंटर में एक से अधिक विषयो की ट्यूशन करवाते है तो आपको अलग अलग विषयो के लिए अलग अलग अध्यापको को रखना होगा.
कोचिंग के लिए अध्यापको का चयन करनें के दौरान समझदारी से काम ले. आप कोचिंग के लिए अध्यापकों का चयन उनकी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर कर सकते है.
इसके अलावा आप अध्यापको का इंटरव्यू भी ले सकते है तथा जो अध्यापक इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करें, उन्हे आप आपनी कोचिंग सेंटर में पढानें के लिए रख दे.
आपकी कोचिंग की लोकप्रियता आपके अध्यापकों के पढानें के तरीके पर निर्भर करता है. इसलिए अध्यापको का चयन सावधानीपूर्वक ही करें.
अपनें कोचिंग सेंटर की फीस तय करें
अगर आपनें अब तक बताये सभी कार्य कर चुके है तो अब आपका अंतिम कार्य अपनी कोचिंग की फीस का निर्णय करना है.
अपनी कोचिंग की फीस सोच समझकर तय करें. ध्यान रखे कि आपके कोचिंग की फीस आवश्यकता से अधिक न हो. लोगो को आपकी कोचिंग आवश्यकता से अधिक महंगी नही लगनी चाहिए.
यदि आपका कोचिंग सेंटर नया है तो कोशिस करें कि शुरुआत में आपकी कोचिंग की फीस आपके आस पास के अन्य कोचिंग सेंटर से कम हो.
लेकिन जैसे समय बढें तथा लोगो को आपके पढानें का तरीका पसंद आये, आप अपनी कोचिंग की फीस को बढा सकते है.
आपके कोचिंग सेंटर में जिन विषयों को अन्य कोचिंग सेंटर से अच्छा पढाया जाता है, आप उनकी फीस भी बढा सकते है.
अपनी कोचिंग की फीस तय करते समय इस बात का ध्यान रखे कि जिस विषयो की डिमांड अधिक है, उनकी फीस भी अधिक रखे. जैसे साइस, फिजिकस, रसायन विज्ञान, इकोनोमिक्स आदि.
इसके अलावा जिन विषयों की मांग कम हैजैसे इतिहास, भुगोल आदि विषयो की फीस कम रखे तथा अपनें कोचिंग की फीस अलग अलग कक्षाओ के लिए अलग अलग रखें.
आप कक्षा 8 वी तक के विद्यार्थियों के सभी विषयो के लिए 1000 से 1500 रुपयें फीस ले सकते है तथा कक्षा 8 वी से 12 वी तक के विद्यार्थियो के प्रत्येक विषय के लिए अलग-अलग फीस ले.
नीचे हमनें सारणी में कुछ विषयों की फीस के बारें में बताया है, जो कक्षा 8 वी से 12 वी तक के विद्यार्थियो से सामान्य रुप से ली जाती है.
कोचिंग का विषय | अनुमानित फ़ीस |
---|---|
इतिहास | 300-400 Rupees |
भूगोल | 300-400 Rupees |
अकाउंट | 400-500 Rupees |
केमिस्ट्री | 600-800 Rupees |
बायोलॉजी | 600-800 Rupees |
बिज़नस लॉ | 400-500 Rupees |
मैथ्स | 400-500 Rupees |
फिजिक्स | 600-800 Rupees |
साहित्य | 300-400 Rupees |
इकोनॉमिक्स | 400-500 Rupees |
प्योर मैथ्स | 600-800 Rupees |
अपनी कोचिंग सेंटर की मार्केटिंग करें
यदि आपका कोचिंग सेंटर नया है तो आपको अपनें कोचिंग सेंटर का प्रचार-प्रसार करना होगा. यदि आपके अंदर बच्चो को अच्छे तरीके से पढाकर खुश करनें की कला है तो विद्यार्थी स्वंय आपके पास आएगें.
इसके अलावा आप निम्न तरीको को अपना कर अपनें कोचिंग सेंटर का प्रचार प्रसार कर सकते है-
- आप अपनें आस पास के क्षैत्र के स्कूलो में अपनी ट्यूशन के टेम्पलेट तथा पर्चे बंटवा सकते है.
- आप अपनें लोकल समाचार पत्रो व टी वी चैनल्स में अपनी कोचिंग का विज्ञापन दे सकते है. इससें आपके कोचिंग के बारें में अधिक से अधिक लोग जान पाएंगे.
- इसके अलावा आप अपनें आस-पास के स्कूलो के प्रधानचार्य से इजाजत लेकर उनके विद्यार्थियो को एक सप्ताह के लिए फ्री डेमो क्लास भी दे सकते है.
- आपके कुछ ऐसे विद्यार्थी जिन्हे आपके पढानें का तरीका काफी अच्छा लगता है, आप उनकी मदद से अन्य विद्यार्थियो को भी अपनें कोचिंग सेंटर से जोङ सकते है.
- आप अपनें कोचिंग सेंटर का ऑनलाइन माध्यम जैसे फेसबूक, इंस्ट्राग्राम तथा यूट्यूब की मदद से भी प्रचार कर सकते है.
- ऊपर बताए गए कुछ सामान्य से तरीके है, जिनकी मदद से आप अपनी कोचिंग प्रचार प्रसार कर सकते है
कोचिंग सेंटर शुरू करनें में लागत
वैसे आपको Tuition CentreStart करनें में अधिक लागत की आवश्यकता नही होती है. आप कम पैसो में भी कोचिंग सेंटर की शुरुआत कर सकते है.
लेकिन आपके कोचिंग सेटर को शुरू करनें में लगनें वाली लागत, इस बात पर निर्भर करती है कि आप कोचिंग सेंटर कहां शुरू कर रहे है?
यदि आप अपना कोचिंग सेंटर घर में शुरू करते है तो कोचिंग के कमरे का खर्चा बच जाएगा किंतु यदि आप शहर में किसी किराये की जगह पर ट्यूशन शुरु करते है तो आपको इसके लिए कम से कम 2000 रुपये प्रतिमाह देने होंगे.
इसके अलावा आपको ब्लैकबोर्ड, चोक, डेस्टर, पंखा, कुर्सी आदि सामनों पर पैसे खर्च करनें होंगे. इन सबको मिलाकर कोचिंग सेंटर शुरू करनें के लिए आपको कम से कम 60 से 70 हजार रुपयें की लागत की आवश्यकता होगी.
कोचिंग सेंटर शुरू करनें में मुनाफा
बच्चो को ट्यूसन पढ़ानें का बिज़नस का सबसे बङा फायदा यह है कि इसमें एक बार निवेश करनें के बाद आपको Tuition Center में लाभ ही लाभ मिलता है.
आज कई सारे कोचिंग सेंटर है, जो तत्काल रुप से बनें लेकिन आज काफी अच्छा पैसा कमा रहे है. ठीक इसी प्रकार से आप भी बच्चो को ट्यूसन पढाकर आप हर महीनें अच्छा खासा पैसा कमा सकते है.
आपको ट्यूशन सेंटर में होने वाला लाभ आपके पढानें के तरीके पर निर्भर करता है. यदि आपका पढानें का तरीका अच्छा है तो आपसे अधिक से अधिक विद्यार्थी जुङेंगे.
यदि आप शुरुआत में भी 20 विद्यार्थियों के मात्र छ: बैंच लेते है तथा प्रत्येक विद्यार्थी से आप 500 रुपयें प्रतिमाह फीस लेते है तो आप प्रतिमाह का 60,000 रुपये बङी आसानी से कमा सकते है.
कोचिंग सेंटर के लिए रजिस्ट्रेशन
अपनी लोगो व विद्यार्थियों की कोचिंग सेंटर पर विश्वसनीयता बढानें के लिए आपको रजिस्ट्रेशन करवाना जरुरी है.
यदि आप अपनी ट्यूशन का रजिस्ट्रेशन करवाते है तो आपको सरकार की तरफ से कई सारी योजनाओ का लाभ मिलता है.
कोचिंग का रजिस्ट्रेशन करवाना इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि यह एक प्रकार का बिज़नेस है. इससें आपको कमाई होती है. जिसका आपको टेक्स भी भरना होता है.
अधिकतर कोचिंग सेंटर Shops And Establishments Act के अंतर्गत ही रजिस्टर होती है.
सभी राज्यो में कोचिंग को रजिस्ट्रेशन करवानें के अलग अलग नियम है. अंत आप अपनें राज्य के नियमों को जानकारी कोचिंग का रजिस्ट्रेशन करवा सकते है.
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FAQs: बच्चो को ट्यूसन पढानें का बिज़नस
अपना कोचिंग सेंटर शुरु करनें के लिए आप निम्न स्टेप्स को पूरा करें – अपने क्षैत्र की शिक्षा व्यवस्था के बारें में जानें, ट्यूशन शुरु करनें के लिए जगह की व्यवस्था करें, ट्यूशन सेंटर शुरू करनें के लिए आवश्यक सामानों की व्यवस्था करें, ट्यूशन के लिए अध्यापको का चयन करें, अपनें ट्यूशन सेंटर की फीस तय करें, अपनें ट्यूशन का प्रचार प्रसार करें.
वैसे कोचिंग सेंटर को रजिस्ट्रेशन करवानें की आवश्यकता नही है किंतु यदि भविष्य में यदि आपके पास अधिक विद्यार्थी होते है तो आपको रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता हो सकती है.
ट्यूशन को शुरु करनें के लिए कम से कम 60 से 70 हजार रुपये की लागत की आवश्यकता होती है.
निष्कर्ष: कोचिंग सेंटर कैसे शुरु करने का तरीका हिंदी में
बच्चो को ट्यूसन पढानें का बिज़नस का काफी अच्छा बिजनेस आइडिया है. इसें आप कम लागत मे शुरू कर सकते है तथा मेहनत करके अच्छे खासे पैसे कमा सकते है.
आज हमनें इस लेख में ट्यूशन कैसे शुरू करें के बारे में विस्तार से जाना. अगर आपको इससें संबधित कोई सवाल हो तो हमें कमेंट बोक्स में लिखकर जरुर बताएं.